लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली
नाम:लक्ष्मीनारायण
मंदिरनिर्माता:वीर सिंह
देवजीर्णोद्धारक:पृथ्वी सिंह,
बिड़ला परिवारनिर्माण
काल :१६२२देवता:लक्ष्मी नारायण/ शिव पार्वती/ दुर्गा
वास्तु
कला:हिन्दू
उड़ियास्थान:नई दिल्ली, भारत
लक्ष्मी नारायण मंदिर बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण 1938 में हुआ था और इसका उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था। बिड़ला मंदिर अपने यहाँ मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के लिए भी प्रसिद्ध है।
स्थापत्य
इसके वास्तुशिल्प की बात की जाए तो यह मंदिर उड़ियन शैली में निर्मित है। मंदिर का बाहरी हिस्सा सफेद संगमरमर और लाल बलुआपत्थिर से बना है जो मुगल शैली की याद दिलाता है। मंदिर में तीन ओर दो मंजिला बरामदे हैं और पिछले भाग में बगीचे और फव्वारे हैं।
इतिहास
यह मंदिर मूल रूप में १६२२ में वीर सिंह देव ने बनवाया था, उसके बाद पृथ्वी सिंह ने १७९३ में इसका जीर्णोद्धार कराया। सन १९३८ में भारत के बड़े औद्योगिक परिवार, बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरोद्धार कराया।
नाम:लक्ष्मीनारायण
मंदिरनिर्माता:वीर सिंह
देवजीर्णोद्धारक:पृथ्वी सिंह,
बिड़ला परिवारनिर्माण
काल :१६२२देवता:लक्ष्मी नारायण/ शिव पार्वती/ दुर्गा
वास्तु
कला:हिन्दू
उड़ियास्थान:नई दिल्ली, भारत
लक्ष्मी नारायण मंदिर बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण 1938 में हुआ था और इसका उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था। बिड़ला मंदिर अपने यहाँ मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के लिए भी प्रसिद्ध है।
स्थापत्य
इसके वास्तुशिल्प की बात की जाए तो यह मंदिर उड़ियन शैली में निर्मित है। मंदिर का बाहरी हिस्सा सफेद संगमरमर और लाल बलुआपत्थिर से बना है जो मुगल शैली की याद दिलाता है। मंदिर में तीन ओर दो मंजिला बरामदे हैं और पिछले भाग में बगीचे और फव्वारे हैं।
इतिहास
यह मंदिर मूल रूप में १६२२ में वीर सिंह देव ने बनवाया था, उसके बाद पृथ्वी सिंह ने १७९३ में इसका जीर्णोद्धार कराया। सन १९३८ में भारत के बड़े औद्योगिक परिवार, बिड़ला समूह ने इसका विस्तार और पुनरोद्धार कराया।
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