Dodia rajput sardargarh
सरदारगढ़ का संक्षिप्त इतिहास "
महाराणा लाखा के समय से मेंवाड में डोडिया राजपूतो को जागीरे मिलीं ।मेवाड़ मे बसने के बाद 13वीं पीढ़ी मे सरदारगढ़ (राजसमंद -मेवाड़ )पर डोडिया राजपूतो का शासन रहा । मेवाड़ मे बसने के बाद डोडिया राजपूत सरदारो की प्रमुख जानकारी इस प्रकार है ।
(1)ठाकुर धवल डोडिया ये शार्दुलगढ (काठियावाड़)के सिंहा डोडिया के पुत्र थे ।महाराणा लाखा की माता की द्वारिका यात्रा के समय कार्बो ने उनको घेर लिया, ऐसे समय पर धवल डोडिया के पिता सिंहा डोडिया ने उनको कार्बो से बचाया परंतु सिंहा डोडिया खुद वीरगति को प्राप्त हुए ।महाराणा लाखा ने सिंहा डोडिया के पुत्र कालू व धवल डोडिया को मेवाड़ बुलाया और रतनगढ, नन्दराय, मसौदा आदि गाँवों की पांच लाख की जागीर दी ।महाराणा लाखा ने 1387ई मे ठाकुर धवल डोडिया को उमराव बनाया । महाराणा लाखा की माता का दुबारा तीर्थ पर जाना हुआ तो महाराणा लाखा ने साथ मे धवल डोडिया को सुरक्षा खातिर भेजा ।इस बार छप्पर घाटा के हाकिम शेर खा ने हमला किया ।धवल डोडिया ने शेर खा को पराजित कर उसका लावाजिमा छीन लिया ।महाराणा लाखा और गयासुदिन तुगलक के बिच हुए बदनोर के युद्ध मे ठाकुर धवल डोडिया अपने पुत्र हरू सहित वीर गति को प्राप्त हुए ।
Jashwant Singh Dodia tikana-kotela
Koteladodia.blogspot.com
सरदारगढ़ का संक्षिप्त इतिहास "
महाराणा लाखा के समय से मेंवाड में डोडिया राजपूतो को जागीरे मिलीं ।मेवाड़ मे बसने के बाद 13वीं पीढ़ी मे सरदारगढ़ (राजसमंद -मेवाड़ )पर डोडिया राजपूतो का शासन रहा । मेवाड़ मे बसने के बाद डोडिया राजपूत सरदारो की प्रमुख जानकारी इस प्रकार है ।
(1)ठाकुर धवल डोडिया ये शार्दुलगढ (काठियावाड़)के सिंहा डोडिया के पुत्र थे ।महाराणा लाखा की माता की द्वारिका यात्रा के समय कार्बो ने उनको घेर लिया, ऐसे समय पर धवल डोडिया के पिता सिंहा डोडिया ने उनको कार्बो से बचाया परंतु सिंहा डोडिया खुद वीरगति को प्राप्त हुए ।महाराणा लाखा ने सिंहा डोडिया के पुत्र कालू व धवल डोडिया को मेवाड़ बुलाया और रतनगढ, नन्दराय, मसौदा आदि गाँवों की पांच लाख की जागीर दी ।महाराणा लाखा ने 1387ई मे ठाकुर धवल डोडिया को उमराव बनाया । महाराणा लाखा की माता का दुबारा तीर्थ पर जाना हुआ तो महाराणा लाखा ने साथ मे धवल डोडिया को सुरक्षा खातिर भेजा ।इस बार छप्पर घाटा के हाकिम शेर खा ने हमला किया ।धवल डोडिया ने शेर खा को पराजित कर उसका लावाजिमा छीन लिया ।महाराणा लाखा और गयासुदिन तुगलक के बिच हुए बदनोर के युद्ध मे ठाकुर धवल डोडिया अपने पुत्र हरू सहित वीर गति को प्राप्त हुए ।
Koteladodia.blogspot.com
Kunwer dharmendra singh dodiya_villege khadi dodiya dist.shajapur m.p.india
जवाब देंहटाएंAdd kar diya hkm aap ko
हटाएंDharmendra Singh Dodiya
जवाब देंहटाएं