गुरुवार, 4 जनवरी 2018

              भारत का गणतंत्र दिवस                

हर वर्ष की भांति इस बार फिर से गणतंत्र दिवस आ गया है, यह दिन हे देशभक्ति के गीत सुनने का, देश की आजादी की लडाई में काम आ चुके शहीदों को याद करने का । यह दिन हे स्कुलों व सरकारी कार्यालयों मे बडे लोगों (जो हाई डोनेशन दे सके) द्वारा झण्डारोहण करवाने का, यह दिन हे मोटी तोदं वाले नेताओं के उबाउ भाषण सुनने का, यह दिन हे पी. टी. , परेड व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का, यह दिन है तरह तरह की झाँकिया देखने का, यह दिन हे छोटे छोटे बच्चों की परेड का, यह वही दिन हे जब स्कुलों मे मिठाईयां बांटी जाती है, मुट्ठी भर बुन्दी (या कोई भी मिठाई) जो कोई बच्चा शायद अपने घर पर खाए या नहीं, पर ईस दिन तो बच्चों को वो चंद बुन्दी के दाने भी ईतने स्वादिष्ट लगते हें जेसे दुनिया में ईससे बहतर कोई मिठाई ही ना हो ।

तो आईये, आज 26 जनवरी के दिन हम सब मिल कर फिर से एक बार वन्दे मातरम् गाते हैं, व अपने देश भारत के विकास के प्रति हर रुप से कटिबद्ध होने का स्कल्प लेते है, सिर्फ युं ही उपरी मन से नही अपने अन्तर्मन से व अपनी आत्मा से। हम सब मिल कर आज के दिन कम से कम एक छोटा सा प्रण लेवें कि हम अपने देश की राष्ट्रीय सम्पत्ति को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाएँगें ।

सभी को एक बार फिर से हमारे गणतंत्र दिवस की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ ।

गणतंत्र दिवस व स्वत्रंता दिवस की मुट्ठी भर की मिठाई खाने मे जितना  आनंद आता है उतना ज्यादा खाने मे भी नही आता है । 
क्योंकि यह मिठाई हमारे देश प्रेम 
 से जूडी हुई है ।

जशवन्त सिंह डोडिया ठिकाना-कोटेला

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भीम सिंह डोडिया

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